वेद विश्व का सबसे प्राचीन ग्रन्थ है, विश्व में इससे पुराना कोई ग्रन्थ व पुस्तक नहीं है. वेद कहाँ आये है? कुछ मान्यता है की वेद भारत में उत्पन्न हुए है, लेकिन यह मान्यता सही नहीं है, क्योंकि वेद अपौरुषीय है, वेदों की किसी ने उत्त्पन्न नहीं किया, बल्कि यह मन्त्रों के रूप में सूक्ष्म रूप से ब्रह्माण्ड में विद्यमान है, इसको ईश्वरकृत माना जाता है, और यह सृष्टि के आदि में ईश्वर द्वारा प्रकाशित किये गए है.
तो फिर वेद प्राचीन भारत में उत्पन्न धार्मिक ग्रंथों का एक बड़ा संग्रह है ऐसा क्यों कहा जाता है? प्राचीन ऋषियों ने वेदों के मन्त्रों का ध्यान की अवस्था में साक्षात्कार किया और उन मन्त्रों को लिखित रूप दिया। इसलिए ऐसा कहा जाता है की वेद भारत में उत्पन्न हुए है.
वेद की भाषा देव भाषा है जिसे आज के परिवेश में वैदिक संस्कृत कहा जा रहा है. वैदिक संस्कृत में रचित ये ग्रंथ संस्कृत साहित्य की सबसे पुरानी परत है. इसको धार्मिक ग्रन्थ इसलिए कहते है क्योंकि यह हिंदू धर्म के सबसे पुराने ग्रंथ हैं। जब हम वेद की बात करते है तो इसका मतलब चार वेदों से है. वेद चार हैं: ऋग्वेद, यजुर्वेद, सामवेद और अथर्ववेद।
जो ईश्वरोक्त, सत्य विद्याओं से युक्त ऋक्संहितादि चार पुस्तक हैं, जिनसे मनुष्यों को सत्यासत्य का ज्ञान होता है, उनको ‘वेद’ कहते हैं।