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Satyarth Prakash Chapter 4 – Samullas 4 – Hindi

अथ चतुर्थसमुल्लासारम्भः अथ समावर्त्तनविवाहगृहाश्रमविधि वक्ष्यामः वेदानधीत्य वेदौ वा वेदं वापि यथात्रफ़मम्। अविप्लुतब्रह्मचर्यो गृहस्थाश्रममाविशेत्।।१।। मनु०।। जब यथावत् ब्रह्मचर्य्य आचार्यानुकूल वर्त्तकर, धर्म से चारों, तीन वा दो, अथवा एक वेद को सांगोपांग पढ़ के जिस का ब्रह्मचर्य खण्डित न हुआ हो, वह पुरुष वा स्त्री गृहाश्रम में प्रवेश करे।।१।। तं प्रतीतं स्वधर्मेण ब्रह्मदायहरं पितुः। स्रग्विणं तल्प आसीनमर्हयेत्प्रथमं Read More …

Satyarth Prakash Chapter 3 – Samullas 3 – Hindi

तृतीय समुल्लास अथ तृतीयसमुल्लासारम्भः अथाऽध्ययनाऽध्यापनविधि व्याख्यास्यामः अब तीसरे समुल्लास में पढ़ने का प्रकार लिखते हैं। सन्तानों को उत्तम विद्या, शिक्षा, गुण, कर्म्म और स्वभावरूप आभूषणों का धारण कराना माता, पिता, आचार्य्य और सम्बन्धियों का मुख्य कर्म है। सोने, चांदी, माणिक, मोती, मूँगा आदि रत्नों से युक्त आभूषणों के धारण कराने से मनुष्य का आत्मा सुभूषित Read More …

Satyarth Prakash Chapter 1 – Samullas 1 – Hindi

प्रथम समुल्लास अथ सत्यार्थप्रकाशः   ओ३म् शन्नो मित्रः शं वरुणः शन्नो भवत्वर्य्य मा । शन्नऽइन्द्रो बृहस्पतिः शन्नो विष्णुरुरुक्रमः ।। नमो ब्रह्मणे नमस्ते वायो त्वमेव प्रत्यक्षं ब्रह्मासि । त्वामेव प्रत्यक्षं बह्म्र  वदिष्यामि ऋतं वदिष्यामि सत्यं वदिष्यामि तन्मामवतु तद्वक्तारमवतु। अवतु माम् अवतु वक्तारम् । ओ३म् शान्तिश्शान्तिश्शान्तिः ।।१।। अर्थ-(ओ३म्) यह ओंकार शब्द परमेश्वर का सर्वोत्तम नाम है, क्योंकि Read More …

परोपकारिणी सभा क्या है?

परोपकारिणी सभा, महर्षि दयानंद की उत्तराधिकारिणी सभा है. महर्षि दयानंद जी ने अपना धन,  वस्त्र,  पुस्तक, यंत्रालय आदि परोपकारिणी सभा को सौंप दिए थे. इस सभा की स्थापना महर्षि ने की थी,  उन्होंने इस सभा के 3 उद्देश्य रखे थे. #1  आर्ष साहित्य का प्रकाशन द्वारा प्रसार #2  विश्व में वैदिक धर्म का प्रचार #3 Read More …

Arya Samaj Vichar

Arya Samaj Vichar #1 सत्य बोलकर मित्र बनाना अच्छा है  परन्तु झूठ बोल कर मित्र बनाने से सत्य बोलकर शत्रु बनाना अधिक अच्छा है, क्योंकि आप संसार में सबको एक साथ प्रसन्न नहीं कर सकते . #2 वेद परस्पर मिलकर विचार करने, प्रेम से वार्तालाप करने, समान मन करने, ज्ञान प्राप्त करते हुए ईश्वर की उपासना Read More …

Sangathan Suktam Mantra – संगठन सूक्त – वैदिक सूक्त

Sangathan Sukta – Rigveda 10.191 संगठन सूक्त क्या है ? ऋग्वेद का अंतिम सूक्त संगठन सूक्त कहलाता है संगठन सूक्त ओ३म्‌ सं समिधवसे वृषन्नग्ने विश्वान्यर्य आ |इड़स्पदे समिधुवसे स नो वसुन्या भर ||हे प्रभो ! तुम शक्तिशाली हो बनाते सृष्टि को ||वेद सब गाते तुम्हें हैं कीजिए धन वृष्टि को || ओ३म सगंच्छध्वं सं वदध्वम् सं Read More …

Beliefs of Arya Samaj – What Does Arya Samaj Believe? आर्य समाज क्या मानता है?

Beliefs of Arya Samaj What Does Arya Samaj Believe? आर्य समाज क्या मानता है? Dr. Vidhya Sagar Edited and illustrated by Sumit Sharma Contents – विषय  आर्य समाज क्या मानता है? मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम योगिराज भगवान श्री कृष्ण क्या आर्य समाज एक नास्त्तिक संस्था है? आर्य समाज की परमात्मा विषयक मान्यता क्या आर्य Read More …

ईश्वर का सर्वोत्तम नाम क्या है?

What is the highest name of God? (Hindi) ईश्वर का सर्वोत्तम नाम ओ३म् है, अब प्रश्न उठता है की यह ओ३म् ईश्वर (परमेश्वर) का सर्वोत्तम नाम क्यों है? (ओ३म्) यह ओंकार शब्द परमेश्वर का सर्वोत्तम नाम है, क्योंकि इसमें जो अ, उ और म् तीन अक्षर मिलकर एक (ओ३म्) समुदाय हुआ है, इस एक नाम से परमेश्वर के बहुत Read More …